मंगलवार, 22 मई 2018

शाम की सावली और सावली का शाम।

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Man and woman hugging each other in shallow ... PyaarkiPhilosophy.blogspot.com


ये कहानी है शाम की, बम्बई जैसे बड़े शहर के एक छोटेसे कलाकार की। शाम था तो एक छोटा कलाकार पर उसके अरमान आसमानो को चूमते थे। दिल मैं कई ख्वाइशे लिए, बुलंद इरादे से शाम जमके मेहनत कर रहा था, के एक दिन, उसकी मुलाकात हुई, सावली से।

सावली बड़ी ही चुलबुली और नटखट मिज़ाज की एक लड़की है। शाम के ही तरह वह भी एक छोटी सी कलाकार है, या यु कहिए एक अदाकारा है। सवाली को नाचना गाना पसंद है और बाकायदा उसने दोनों की शिक्षा लिए हुई है। सावली छोटेसे शहर से है और बम्बई मैं एक मशहूर अदाकारा होने का खव्वाब देखती है। और बेशक पूरा करने की हिम्मत भी रखती है। सावली का स्वाभाव मिलनसार है, और उसके इसी सवभाव के कारन हरकोई सहज उससे आकर्षित हो जाता है और प्यार कर बैठा है।

सावली को अपने इस स्वाभा के वजह से कही बुरे अनुभवों का भी सामना करना पड़ा है। जैसे की एक बार एक लड़के ने सावली को पहिली बार में ही शादी का प्रस्ताव देदिया और दूसरे ही दिन अपने पुरे परिवार के सात सावली के घर आधमका, सवाली के पापा से उसका हात मांगने, वह तो भला हो सावली के परिवार वाले बहुत ही अग्र और आधुनिक विचरो के है, वर्णा उसके माँ बाप भी वही करते जो की और मामूली माँ बाप करते है, लड़की पर तरह तरह की पाबंदिया डाल देते, पर खुदा की रेहमत से ऐसा कुछ हुआ नहीं, वर्णा फिर ये कहानी, कहानी ही न हो पाती। मेरा मतलब है, ना शाम और सावली की मुलाकात होती और फिर न वह बाते होती जो की मैं अभी आगे आप को बताने वाला हु।

शाम की सावली और सावली का शाम।

-Tushar T. Dalvi
21-05-2018 OST 20:00hrs
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About Tushar T. Dalvi
I am a creative writer and Theatre Professional by occupation with more than 8 years of Experience. Here are some of my creations that talk about Love and other philosopies of life. I hope you will like what you read here. Enjoy!

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